क्या हम राजनीति नहीं सीख सकते ?

*सैफ़ी पोस्ट साप्ताहिक*
"हक़ की बुलंद आवाज़"

मौलाना जुम्मन :- साथियो सपा को वोट दो !
मौलाना शकूर :- भाईयों कांग्रेस में वोट दो !

मौलाना गफ़ूर :- अमां यार BSP को वोट दो !
बड़े मौलाना :- क्या है ये सब
अपनी पार्टी AIMIM को वोट दो !
सुनील पंडित :-BJP को वोट दो !
ठा रोहित राम :- BJP को वोट दो !
चौ मनोज कुमार :- BJP को वोट दो !
रमेश यादव :- BJP को वोट दो !
मतलब सब एक !!

मगर चार मुसलमान एक साथ एक दिशा में तब ही चल सकते हैं जब पाँचवा कांधे पर हो...!
क्यूं सही कहा ना 
है ना कड़वा_सच ?

Comments

Popular posts from this blog

सैफ़ी बिरादरी का नाम सैफ़ी कैसे पड़ा

सैफ़ी संगठन पर सवाल

तारीखों में गुजरे नौ साल बटला हाउस के बाद आजमगढ़ ?