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सैफ़ी बिरादरी का नाम सैफ़ी कैसे पड़ा

(दोस्तों, वैसे तो मैं किसी भी एक धर्म, जाति, या बिरादरी, का पक्षधर नहीं हूँ, मैं हमेशा सिर्फ़ "इन्सानियत" के धर्म की ही बात करता हूँ, और उसी के ऊपर लिखता हूँ, और उसी पर आधारित छोटे-मोटे "समाजसेवा" के काम भी करने की "कोशिश" करता हूँ, लेकिन मेरा मानना है कि अगर हम किसी भी "क़बीले", किसी भी "बिरादरी" से ताल्लुक़ रखते हैं तो हमें उसका "इतिहास" जानना भी बेहद ज़रूरी होता है, कि हम क्या थे ? क्या हैं ? और हमें क्या होना है ? तो इसी कड़ी में आज मैं "सैफ़ी" बिरादरी के इतिहास के बारे में अपनी थोड़ी सी जानकारी लोगों तक पहुंचाना चाहता हूँ, कि सैफ़ी बिरादरी का नाम सैफ़ी कैसे पड़ा ??) ~~~~~~~~~~~~~~~ "दोस्तों, भारत में मुस्लिम समाज के "लोहार-बढ़ई" का "पुश्तैनी" काम करने वालों को "सैफ़ी" कहा जाता है। अब से करीब 50 साल पहले गांवों में अन्य बिरादरी के लोग "मिस्त्री" या "मियांजी" या फिर "खान साहब" कहकर पुकारते थे। उस ज़माने में बढ़ई बिरादरी के लोग पूरे साल जी तोड़ मेहनत करके कि

तारीखों में गुजरे नौ साल बटला हाउस के बाद आजमगढ़ ?

रिहाई मंच, आजमगढ़ की ओर से जारी इंसाफ के पैमाने अलग-अलग क्यूं ? यह सूची लंबी है कि देश में आतंकवाद के विभिन्न मामलों में आरोपियों ने लंबा समय जेलों में गुजारा। आखिरकार अदालत ने उन्हें बेकसूर माना और रिहा किया। मानवाधिकार और नागरिक अधिकारों के दायरे में यह चर्चा का विषय रहा है कि क्या अपनी जवानी के दस-बीस साल सलाखों के पीछे गुज़ार देने के बाद ‘बाइज्जत’ बरी कर दिए जाने भर से न्याय के तकाज़े पूरे

क्या हम राजनीति नहीं सीख सकते ?

*सैफ़ी पोस्ट साप्ताहिक* "हक़ की बुलंद आवाज़" मौलाना जुम्मन :- साथियो सपा को वोट दो ! मौलाना शकूर :- भाईयों कांग्रेस में वोट दो ! मौलाना गफ़ूर :- अमां यार BSP को वोट दो ! बड़े मौलाना :- क्या है ये सब

इस्लामी नया साल क्या है ओर कितने धर्म ओर देश मनाते हैं नये साल को कैसे ?

एस एम फ़रीद भारतीय क़लम का मुंह जब खुलेगा सच लिखा सच लिखेगा !! इस्लामिक कैलेंडर का नया साल मुहर्रम होता है, इस्लामी कैलेंडर एक पूरी तरहां चांद पर आधारित कैलेंडर है जिसके कारण इसके बारह महीनों का घुमाओ 33 सालों में सूरज के कैलेंडर को एक बार घूम लेता है, इसके वजह से नया साल प्रचलित ग्रेगरी कैलेंडर में अलग अलग महीनों में पड़ता है. इस्लाम धर्म के कैलेंडर को हिजरी साल के नाम

क्या आप जानते हैं इस्लामिक नये साल का मतलब ?

एस एम फ़रीद भारतीय इस्लामी नया साल यानी हिजरी सन्, हिजरी मतलब जिस दिन अल्लाह के महबूब ने मक्का से मदीने के लिए हिजरत की यानि सफ़र शुरू किया, ये 1439 हिजरी मुबारक है, जैसा लिखा जा चुका है दुनिया के हर मजहब या कौम का अपना-अपना नया साल होता है, नए साल से मुराद (आशय) है पुराने साल का ख़ात्मा (समापन) और नए दिन की नई सुबह के साथ नए वक्त की शुरुआत, नए वक्त की

अपील क़ौम ओर समाज से

एस एम फ़रीद भारतीय प्रधान सम्पादक सैफ़ी पोस्ट दोस्तों बुज़ुर्गों अज़ीज़ों ओर साथियों मैं आपसे आप ही के अख़बार *सैफ़ी पोस्ट* के जरिये मुख़ातिब हुँ जैसा कि आप जानते हैं हमारे समाज ओर क़बीले को एक ऐसे रहबर ओर ख़बरी की ज़रूरत थी जो हमारी रहनुमाई कर हमारी ज़रूरतों की ख़बरों को निडरता के साथ सरकार तक