सैफ़ी संगठन पर सवाल

जवाब- तब मैने उससे पूंछा कि आप किस बिरादरी से ताल्लुक रखते हो, हल्का सा जवाब मिला बढ़ई यानि आप अपनी बिरादरी "सैफ़ी समाज" कह लें.

सवाल- सैफ़ी समाज मैं बिगाड़ पैदा करने वाले कौन...?
जवाब- नये बन रहे संगठन और उससे जुड़े लोग...!

तब मैने कहा कि आप देश के कानून का सहारा पहले लें और साथ ही अपने समाज के ठेकेदार बनने वाले श्ख़्स का नाम भी लिखाई जाने वाली रिपोर्ट मैं प्लानर के तौर पर यानि 120 बी के तहत ज़रूर लिखें, क्यूंकि नये संगठन बनाकर अपना झंडा ऊंचा करने वाले ही इस क़ौम को गुमराही और गिरोह मैं बांट रहे हैं, सैंकड़ों संगठन एक ही समाज के बन चुके हैं, मगर कहीं किसी की मदद करता या समाज मैं हो रहे बिगाड़ को रोकने की कोशिश कोई नहीं करता, बल्कि ये संगठन एक मिसाल बन गये हैं बिगाड़ पैदा करने के लिए, जब इन्होंने टूट की तभी नये संगठन की बुनियाद पड़ी, अगर सेवा यानि ख़िदमत इनका मक़सद होता तब एक संगठन मैं रहकर काम करते, अपने समाज के लोगों के दुख दर्द को समझते, मगर इन लोगों को अपना नाम ऊंचा चाहिए था, लिहाज़ा घर के दरवाज़े पर नाम के साथ पद की तख़्ती लगाने के लिए एक नया बिगाड़ पैदा कर अपना नया संगठन बना डाला, और ये यहीं नहीं रूके बल्कि अपने साथ बरग़ला कर बहुत से लोगों मैं ओहदे का लालच भर उसे भी उसके संगठन से अलग कर दिया.

यही वजह है कि सैंकड़ों संगठन होने के बाद भी इस सैफ़ी समाज का एक भी संगठन ये नहीं कह सकता कि हमने फ़लां किसी अच्छे काम को अंजाम दिया है, जिससे समाज का छोटा या बड़ा आदमी इससे फ़ायदा उठा रहा है या उससे समाज को कुछ हासिल हो रहा है, सभी संगठनों का बस एक ही काम है 6 अप्रेल की तीन महीने पहले से तैयारी कर "सैफ़ी डे" मना लेना और तीन महीने तक "सैफ़ी डे" पर चर्चा करके वक़्त बर्बाद करना, ये एक कड़वा सच है.

वहीं कुछ संगठन ऐसे भी हैं जो अपने यहां तो कोई ख़ास पकड़ बना नहीं पाये मगर वो दूसरे शहर और ज़िलों मैं अपनी मज़बूत पकड़ बनाने की कोशिश करते हैं, तब वो ये भूल जाते हैं कि इससे समाज मैं ग्रुपबाज़ी बड़ेगी, जो समाज को कोई फ़ायदा करने ना करे लेकिन जिस दिन से वो पहला मेम्बर बनायेगी, उसी दिन से उस शहर मैं बिगाड़ की बुनियाद खुद जायेगी.

वैसे अब पुराने संगठन के काफ़ी लोग हकीकत को समझ चुके हैं और उन्होंने अब अपने क़दम पीछे खींच लिये हैं, और अब नये लोग या यूं कह लो नये अमीर अपने क़द को ऊंचा करने और दरवाज़े की रौनक बढ़ाने के लिए नये संगठन की बुनियाद रख रहे हैं, ये वही लोग हैं जो पहले तोड़ के लिए संगठन से जुड़े थे, और आज एक नया तोड़ पैदा करके ख़ुद नये तोड़ पैदा करने वालों को जन्म दे रहे हैं, आज सही किसी को नहीं मालूम कितने संगठन "सैफ़ी समाज" के नाम पर रजिस्टर्ड हो चुके हैं.

ख़ैर मुझे जो कहना था कह दिया और आपके सामने पेश भी कर दिया.

"एस एम फ़रीद भारतीय"
+919808123436

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