तारीखों में गुजरे नौ साल बटला हाउस के बाद आजमगढ़ ?
रिहाई मंच, आजमगढ़ की ओर से जारी इंसाफ के पैमाने अलग-अलग क्यूं ? यह सूची लंबी है कि देश में आतंकवाद के विभिन्न मामलों में आरोपियों ने लंबा समय जेलों में गुजारा। आखिरकार अदालत ने उन्हें बेकसूर माना और रिहा किया। मानवाधिकार और नागरिक अधिकारों के दायरे में यह चर्चा का विषय रहा है कि क्या अपनी जवानी के दस-बीस साल सलाखों के पीछे गुज़ार देने के बाद ‘बाइज्जत’ बरी कर दिए जाने भर से न्याय के तकाज़े पूरे